29 सितंबर से नवरात्री का पवित्र त्यौहार प्रारंभ होने जा रहा है | हिन्दू धर्म मैं नवरात्री का त्यौहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है | नवरात्री के इन दिनों में माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है लोग माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्री के दिनों मैं व्रत करते है और जौ लोग व्रत करते है उनसे माता रानी बहुत प्रसन्न होती है | क्या आप ये जानते है की नवरात्री के दिन शुभ होते हुई इन दिनों मैं विवाह क्यों नहीं होते है? नवरात्री के इन दिनों मैं सभी शुभ कार्य किये जाते है मगर विवाह नहीं होते है जबकि विवाह बहुत ही शुभ माना जाता है फिर क्यों नवरात्री के दिनों मैं विवाह नहीं होते है और नवरात्री के दिनों मैं जौ क्यों रोपे जाते है | आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ये दोनों बाते बताएँगे शायद ये बाते नहीं जानते होंगे तो चलिए जानते है इन बातो को...
नवरात्री मैं इसलिए रोपे जाते है जौ
हमारे हिन्दू धर्म मैं नवरात्री के त्यौहार मनाने की कई सारी मान्यताये है इन मान्यताओं मैं से एक है जौ रोपना और कलश की स्थापना करना | कलश स्थापना और जौ रोपने के साथ से ही माता रानी की पूजा स्टार्ट होती है | नवरात्री के दिनों मैं जौ इसलिए रोपे जाते है क्योंकि ऐसी मान्यता है की जब इस संसार, सृष्टि की शुरुआत हुई थी तब पहली फसल जौ ही थी जोकि बसंत ऋतु की पहली फसल होती है इस फसल को हम सबसे पहले माता रानी को समर्पित करते है |
ऐसा कहा जाता है की नवरात्री के दिनों मैं यदि जो तेजी से बढ़ते है तो घर परिवार मैं सुख शांति और समृद्धि तेजी से बढ़ती है | लेकिन असल मैं देखा जाए तो इस मान्यता के पीछे असली बजह ये भी है की माता रानी के आशीर्वाद से पूरा साल धनधान्य से भरा रहेगा |
नवरात्री के दिनों मैं क्यों नहीं होती है शादी
नवरात्री के दिनों मैं माता रानी के नौ पवित्र रूपों की पूजा की जाती है ये त्यौहार बहुत ही पवित्र माना जाता है | लोग शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए ये त्यौहार रखते है और किसी भी प्रकार का गलत काम या गलत चीजों का सेवन इस त्यौहार के दिनों मैं नहीं किया जाता है | नवरात्री के दिनों मैं कुछ भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से नियमो का पालन करते है और कपडे धोने, सेविंग बनवाने, बाल कटाने और पलंग और खाट के ऊपर सोने से परहेज करते है | विष्णु पुराण के अनुसार व्रत दौरान बार बार पानी पीने, दिन मैं सोने, तम्बाकू चबाने और स्त्री के साथ सहवास से भी व्रत खंडित हो जाता है इसलिए शादी जैसे आयोजन का मतलब वंश को आगे बढ़ाने का होता है इसलिए नवरात्री के इस पावन अवसर पर विवाह करना उचित नहीं माना गया है इसलिए नवरात्री के दिनों मैं विवाह नहीं किये जाते है |